पानीपत
: देश में बनने वाला हर कानून नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए बनाया जाता है, ताकि हर पीड़ित को इंसाफ और उसका हक मिल सके। महिलाओं के साथ होने वाले तमाम तरह के अपराधों, शारीरिक-मानसिक शोषण, प्रताड़ना और हिंसा से उन्हें बचाने के लिए उन्हें कई कानूनी कवच दिए गए हैं। इससे उनकी स्थिति पहले से मजबूत भी हुई है और कई महिलाओं को काफी मदद भी मिली है। लेकिन कुछ लोग अपने फायदे के लिए कानून का मिस यूज कर रहे है जैसा कि हर कानून के साथ होता रहा है। इनके अंदर की खामियां का लोगों ने पैसे कमाने का जरिया बना लिया है...ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि पानीपत में आरटीआई से खुलासा हुआ है कि बीते दिनों थानों में महिलाओं द्वारा दर्ज करवाए गए 100 से ज्यादा मुकदमों में से 50% मुकदमे झूठे पाए गए जिनको पुलिस द्वारा कैंसिल करना पड़ा।
पानीपत के एसपी लोकेंद्र सिंह ने कड़ा संज्ञान लिया है और पुलिस थानों में सख्त निर्देश दिए हैं कि झूठे मुकदमे दर्ज करवाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। लोकेंद्र सिंह ने कहा कि जो लोग झूठे मुकदमे दर्ज करवाकर ब्लैकमेलिंग और एक्सटॉर्शन का खेल खेलते है उनको बख्सा नहीं जाएगा। दरअसल महिलाओं की अक्सर आवाज उठाने वाली और उन्हें न्याय दिलाने वाली शहर की समाज सेविका सविता आर्य ने इस संदर्भ में पुलिस विभाग में एक आरटीआई लगाई थी, जिसमें पाया गया कि थानों में महिलाओं द्वारा दर्ज करवाये गए करीब 110 मक़दमों में से 50 मुकदमे झूठे पाए गए जिनको पुलिस को कैंसिल करना पड़ा। सविता आर्य ने कहा कि जिस प्रकार रेप करने वालों को कड़ी सजा मिलती है, उसी प्रकार जो महिलाएं रेप और पोक्सो एक्ट के झूठे मुकदमे दर्ज करवाती हैं। उन्हें भी कड़ी सजा मिलनी चाहिए। सविता ने कहा कि झूठे मुकदमों की वजह से सच में पीड़ित महिलायें न्याय से वंचित रह जाती हैय़ उन्होंने कहा कि कुछ महिलाओं ने अपने गैंग बना रखे हैं जो पुरुषों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवा देती हैं और फिर पैसों की सांठ-गांठ करके समझौता पेश कर देती हैं।
आपको बता दें कि पुलिस थानों में महिलाओं की शिकायत पर सबसे पहले मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं और बाद में जांच करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन कुछ महिलाएं इसका नाजायज फायदा उठा रही है किसी भी पुरुष पर महिला झूठा आरोप लगाकर शिकायत दे देती है और पुलिस को मुकदमा दर्ज करना पड़ता हैय़ इसके बाद महिला पुरुष से समझौता करने की एवज में ब्लैकमेलिंग करना शुरू कर देती हैं और पुरूष हरासमेंट और सामाजिक डर से समझौता कर लेते हैं और महिलाएं मोटी रकम लेकर केस कैंसिल करवा देती हैं।
पुलिस स्टेशन अनुसार मक़दमे दर्ज और कैंसिल होने की डिटेल
1.महिला थाना दर्ज
दर्ज.12
कैंसल.9
2.तहसील कैंप थाना
दर्ज .14
कैंसल.6
3.सेक्टर 29 थाना
दर्ज.8
कैंसिल.2
4.सेक्टर 13,17थाना
दर्ज.9
कैंसिल.3
5.सनोली थाना
दर्ज.12
कैंसिल.4
6.समालखा थाना
दर्ज.6
.कैंसिल.3
7.सदर थाना
दर्ज.3
कैंसिल .1
8.किला थाना
दर्ज.2
कैंसिल.1
9ओल्ड थाना
दर्ज.7
कैंसिल 5
10.मॉडल टाउन थाना
दर्ज3
11.मतलोड़ा थाना
दर्ज.4
कैंसिल 2
12.इसराना थाना
दर्ज .4
कैंसिल 2
13.सिटी थाना
दर्ज.8
कैंसिल.6
14.चांदनी बाग थाना
दर्ज.11
कैंसिल.6
15. थाना बापौली
दर्ज.1
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